भारवि

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भारवि संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्राचीन कवि जो किराताजु नीय नामक महाकाव्य के रचयिता थे । विशेष—भारवि के जन्म और निवासस्थान आदि के संबंध में अभी तक कोई पता नहीं लगा । कहते हैं, ये अपने गुरु की गोएँ लेकर हिमालय की तराई में चराने जाया करते थे वहीं प्राकृतिक शोक्षा देखकर इसमें कविता करते की स्फूर्ति हुई थी ।