भीख
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]भीख संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भिक्षा]
१. किसी दरिद्र का दीनता दिखाते हुए उदरपूर्ति के लिये कुछ माँगना । भिक्षा । क्रि॰ प्र॰—माँगना । यौ॰—भिखमंगा । भिखारी ।
२. वह धन या पदार्थ जो इस प्रकार माँगने पर दिया जाय । भिक्षा में दी हुई चीज । खैरात । क्रि॰ प्र॰—देना ।—पाना ।—मिलना ।