भीड़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भीड़ा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [प्रा॰ भिड़] दे॰ 'भीड़' ।

भीड़ा ^२ वि॰ [हिं॰ भिड़ना] संकुचित । तंग । जैसे, भीड़ी गली । उ॰—महत जी ने कहा कि स्वामी, गली बहुत भीड़ी है । लोगों का आना जाना रुक गया । /?/ (शब्द॰) ।