भुजंग
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संज्ञा
[सम्पादित करें]भुजंग
- साँप; विशेषतः बड़ा और फुफकारने वाला नाग।
- संस्कृत काव्य और शास्त्रों में प्रयुक्त एक काव्यात्मक शब्द जो साँप या नाग के लिए उपयोग होता है।
- रूपक में कभी-कभी धोखेबाज़ या चुपचाप वार करने वाले व्यक्ति के लिए भी प्रयुक्त।
उच्चारण
[सम्पादित करें]उदाहरण वाक्य
[सम्पादित करें]- शिवजी के गले में भुजंग विराजमान हैं।
- उस मंदिर में एक विशाल भुजंग की मूर्ति है।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादित करें]शब्दसागर
[सम्पादित करें]भुजंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ भुजङ्ग]
१. साँप ।
२. स्त्री का यार । जार ।
३. राजा का एक पार्श्ववर्ती अनुचर । विदूषक ।
४. सीसा नामक धातु ।
५. पति । खाविंद (को॰) ।
६. आश्लेषा नक्षत्र (को॰) ।
७. आठ की संख्या (को॰) ।