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भुजंग

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भुजंग

भुजंग

  1. साँप; विशेषतः बड़ा और फुफकारने वाला नाग।
  2. संस्कृत काव्य और शास्त्रों में प्रयुक्त एक काव्यात्मक शब्द जो साँप या नाग के लिए उपयोग होता है।
  3. रूपक में कभी-कभी धोखेबाज़ या चुपचाप वार करने वाले व्यक्ति के लिए भी प्रयुक्त।

(Delhi) आईपीए(कुंजी): /bʱʊ.d͡ʒəŋɡ/, [bʱʊ.d͡ʒə̃ŋɡ]

उदाहरण वाक्य

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  • शिवजी के गले में भुजंग विराजमान हैं।
  • उस मंदिर में एक विशाल भुजंग की मूर्ति है।

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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भुजंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ भुजङ्ग]

१. साँप ।

२. स्त्री का यार । जार ।

३. राजा का एक पार्श्ववर्ती अनुचर । विदूषक ।

४. सीसा नामक धातु ।

५. पति । खाविंद (को॰) ।

६. आश्लेषा नक्षत्र (को॰) ।

७. आठ की संख्या (को॰) ।