भुनना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भुनना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ भूनना]

१. भूनने का अकर्मक रूप । भूना जाना ।

२. आग की गर्मी से पक्कर लाल होना । पकना । भुनना ।

भुनना ^२ क्रि॰ अ॰ [सं॰ भञ्जन] भुमाने का अकर्मक रूप । रुपए आदि के बदले मे अठन्नी, चवन्नी, पैसे आदि का मिलना । अवयवी का अवयव में विभाजित वा परिणात होना । बड़े सिक्के आदि का छोटे छोटे सिक्कों में बदला जाना ।