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भुरता

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भुरता संज्ञा पुं॰ [हिं॰ भुरकना या भुरभुरा]

१. दबकर वा कुचलकर विकृतावस्था को प्राप्त पदार्थ । वह पदार्थ जो बाहारी दबाव से दबकर या कुचलकर ऐसा बिगड़ा गया हो कि उसके अवयव और आकृति पूर्व के समान न रह गए हों । मुहा॰—भुरता करना वा कर देना = कुचलकर पीस डालना । दबाकर चूर चूर कर देना ।

२. चोखा या भरता नाम का सालन । वि॰ दे॰ 'चोखा' ।