भुव
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]भुव ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] अग्नि । आग ।
भुव पु ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भू का सुप्तभ्यंत रूप भुवि वा भुमि] पृथ्वी । उ॰— (क) रोवैं वृषभ तुरंग अरु नाग । स्यार दिवस निसि बोलें काग । कपैं भुव बर्षा नहि नहिं होई । भए शोच चित यह नृप जोई ।—सूर (शब्द॰) । (ख) भार उतारन भुब पर गए । साधु संत को बहु सुख दए ।—लल्लू (शब्द॰) ।
भुव पु ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भ्रू] भोंह । भ्रू । उ॰—(क) गहन दहन निदंहन लक निःसंक बंक भुव ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) भुव तेग सुनैन के बान लिए मति बेसारि की सँग वासिका हैं ।—हरिश्चद्र (शब्द॰) ।