भुस संज्ञा पुं॰ [सं॰ बुस] भूसा । उ॰— बनजारे के बैल ज्यों भरमि फिरेउ चहुँ देस । खाँड़ लादि भुस खात हैं बिनु सतगुरु उपदेश ।— कबीर (शब्द॰) ।