भृत
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
भृत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ भृता]
१. भृत्या । दास । सेवक ।
२. मिताक्षरा के अनुसार वह दास जो बोझ ढोता हो । ऐसा दास अधम कहा गया है ।
भृत ^२ वि॰ [सं॰]
१. भरा हुआ । पूरित । उ॰— छाए आस पास दीसै भोर भौंर भृत भनकार ।—भुवनेश (शब्द॰) ।
२. पाला हुआ । पोषण किया हुआ ।
३. वहन किया हुआ ।
४. भृति या किराया आदि पर लिया हुआ ।