भृत्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ भृत्या] सेवक । नौकर । उ॰— सो कुछ नहीं, किंतु भृत्यों को प्रिये, कष्ट ही होगा और ।— साकेत, पृ॰ ३७२ ।