भेदना क्रि॰ स॰ [सं॰ भेदन] चीरना । आर पार करना । छेदना । वेधना । उ॰— आह ! वह मुख ! पश्चिन के व्योम बीच जब घिरते हों घनश्याम । अरुण रवि मंडल उनको भेद, दिखाई देता हो छविधाम — कामयनी, पृ॰ ४६ ।