भेव
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]भेव पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ भेद, प्रा॰ भेप्र]
१. मर्म की बात । भेद । रहस्य । उ॰— वास्तवीक नृप चल्यो देव वर वामदेव बल । जरासंध नरदेव भेव गुनि मति अभेव भल ।— गोपाल (शब्द॰) ।
२. बारी । पारी । उ॰— चौकी दै जनु अपने भेव । बहुरे देवलोक को देव ।— केशव (शब्द॰) ।