भ्रष्टाचार

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

भ्रष्टाचार ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह आचरण जो उचित न हो ।

२. नोच खसोट, छीना झपटी, बलप्रयोग । उत्कोच आदि दुर्गुर्णो से भरा हुआ आचरण । उ॰—हमें पुनः सहकारी कर्मचारियों एवं जनता के मन में भय पेदा करना होगा क्योंकि भय न होने से ही भ्रष्टाचार बढ़ रहा है ।

भ्रष्टाचार ^२ वि॰ दूषित आचरणवाला । बेईमान ।