भ्रान्ति
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]भ्रांति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भ्रान्ति]
१. भ्रम । धोखा ।
२. संदेह । संशय । शक ।
३. भ्रमण ।
४. पागलपन ।
५. भँवरी । धुमेर ।
६. भूलचुक ।
७. मोह । प्रमाद ।
८. एक प्रकार का काव्या- लंकार । इसमें किसी वस्तु को, दुसरी वस्तु के साथ उसकी समानता देखकर, भ्रम से वह दुसरी वस्तु ही समझ लेना वर्णित होता है । जैसे,—अठारी पर नायिका को देखकर कहना—है ! यह चद्रमा कहाँ से निकल आया !