मँदरी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मँदरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] खाजे के जाति का एक पेड़ । विशेष—इसकी लकड़ी मजबूत होती है और खेती के सामान तथा गाड़ियाँ बनाने के काम आती है । छाल से चमड़ा सिझाया जाता है, फल खाए जाते हैं और पत्तियाँ पशुओं के चारे के काम आती हैं । इसी की जाति का एक और पेड़ होता है जिसे गेंड़ली कहते हैं । इसकी छाल पर, जब वे छोटे रहते हैं, काँटे होते हैं; पर ज्यों ज्यों यह बड़ा होता है, छाल साफ होती जाती है । इसकी लकड़ी की तौल प्रति घनफुट २० से ३० सेर तक होती है । इसके बीज बरसात मे बोए जाते हैं ।

मँदरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] महीरों का एक खेल जिसमें वे लाठी के पैतरों के साथ, नगाड़ै की ध्वनि पर, विशेषतः कार्तिक मास की रात्रियों मे खेलते हैं और अन्नकूट महोत्सव के दिन खेलते हुए झुंड के साथ दुर्गा देवी का दर्शन करते हैं । (प्रचलित) ।