मंगनहार पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मंगन + हार (प्रत्य॰)] भिखमंगा । भिक्षुक । उ॰—कवि गंग के अंगन मंगनहार दिना दस ते नित नृत्य करै ।—अकबरी॰, पृ॰ १२३ ।