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मंगलकर्म

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संज्ञा

  1. पूजन एवं प्रार्थना आदि। जो किसी कार्य की सफलता के लिये शुरू में की जाय

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

मंगलकर्म संज्ञा पुं॰ [सं॰ मङ्गलकर्मन्] पूजन एवं प्रार्थना आदि । जो किसी कार्य की सफलता के लिये शुरू में की जाय [को॰] ।