मंगलविधायनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मङ्गल + विधायिनी] मंगल का विधान करनेवाली । उ॰—यदि बीज भाव की प्रकृति मंगलविधायिनी होती है तो उसकी व्यापकता और निर्विशे- षता के अनुसार सारे प्रेरित भाव तीक्ष्ण और कठोर होने पर भो सुंदर होते है ।—रस॰, पृ॰ ६५ ।