मंडलाग्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ मण्डलाग्र] १. चीर फाड़ में काम आनेवाला एक प्रकारा का शस्त्र या औजार (सुश्रुत) । २. खंजर । घुमावदार तलवार (को॰) ।