मंडली
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मंडली ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ भण्डली]
१. समूह । मोष्ठी । समाज । जमाअत । समुदाय । उ॰—मराल मडली और सारस समूह । प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ११ ।
२. दूब ।
३. गुड़च ।
मंडली ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मणड़लिन्]
१. एक प्रकार का साँप । सुश्रुत के गिनाए हुए साँप के आठ भेदों में से एक । विशेष—इनके शरीर में गोल गोल चित्तियाँ सी होती हैं और यह भारी होने के कारण चलने में उतने तेज नहीं होते ।
२. वटवृक्ष ।
३. बिल्ली । बिड़ाल ।
४. सर्प । साँप (को॰) ।
५. श्वान । कुत्ता (को॰) ।
६. प्रांत का शासक । मडलाधिप (को॰) ।
७. नेवले की जाति का बिल्ली की तरह का एक जंतु जिसे बंगाल में खटाश और उत्तरप्रदेश में कहीं कहीं सेंधुवार कहते हैं ।
८. सूर्य । उ॰—मुख तेज सहस दस मडली वुधि दस सहस कमडली ।—गोपाल (शब्द॰) ।