मंदाकिनी
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मंदाकिनी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मन्दाकिनी]
१. पुराणानुसार गंगा की वह धारा जो स्वर्ग में है । ब्रह्मवैवतं के अनुसार इसकी धार एक अयुत योजन लंबी है ।
२. आकाशगंगा ।
३. एक छोटी नदी का नाम जो हिमालय पर्वत में उत्तर काशी में बहती है और भागीरथी में मिलती है ।
४. महाभारत, रामायण आदि के अनुसार एक नदी का नाम जो चित्रकूट के पास बहती है । इसे अब पयस्विनी कहते हैं । उ॰—राम कथा मंदाकिनी, चित्रकूट चित चारु । तुलसी सुभग सनेह बन, सिय रघुबीर बिहारु ।—तुलसी (शब्द॰) ।
५. हरिवंश के अनुसार द्वारका के पास की एक नदी का नाम ।
६. संक्रांति के सात भेदों में से एक ।
७. बारह अक्षरों की एक वर्णवृत्ति जिसके प्रत्येक चरण में दो नगण और दो रगण होते हैं (/?/) ।