मंद्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मंद्र ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मन्द्र]

१. गंभीर ध्वनि ।

२. संगीत में स्वरों के तीन भेदों में से एक । इस जाति के स्वर मध्य से अवरोहित होते हैं । इसे उदारा वा उतार भी कहते हैं ।

३. हाथी की एक जाति का नाम ।

४. मृदंग ।

मंद्र ^२ वि॰

१. मनोहर । सुंदर ।

२. प्रसन्न । हृष्ट ।

३. गंभीर । उ॰—गरजो है मंद्र वज्र स्वर । थर्राए भूधर भूधर ।—अपरा, पृ॰ ३० ।

४. धीमा (शब्द आदि) । उ॰— मंद्र चरण मरण ताल ।—अर्चना, पृ॰ ४० । यौ॰—मंद्रध्वनि = मंभीर या धीमी आवाज । मंद्रस्वन =दे॰ 'मंद्रध्वनि' ।