मकरध्वज
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
मकरध्वज संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कामदेव । कंदपं । उ॰—विद्या सोइ बृहस्पति जानौ । रूपु सोई मकरध्वज मानौ ।—माधवा- नल॰, पृ॰ १८८ ।
२. रससिंदूर । चंद्रोदय नामक रस ।
३. इंद्रपुष्प । लौंग ।
४. पुराणानुसार अहिरावण का एक द्वारपाल । मत्स्योदर । विशेष—यह हनुमान का पुत्र माना जाता है । कहते हैं, लंका को जलाने के उपरांत जब हनुमान ने समुद्र में स्नान किया था, तब एक मछली में उनके पसीसे से मिला हुआ जल पीकर गर्भ धारण किया था जिससे इसका जन्म हुआ ।