मघा

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मघा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. अश्विनी आदि सत्ताईस नक्षत्रों में से दसवाँ नक्षत्र । उ॰—(क) मनहुँ मघा जल उमगि उदधि रुष चले नदी नद मारे ।—तृलसी (शब्द॰) । (ख) दस दिसि रहे बान नभ छाई । मानहुँ मघा मेघ झरि लाई ।— तुलसी (शब्द॰) । (ग) मघा मकरी, पूर्वा डाँस । उत्तारा में सबका नाम । (कहावत) ।

२. एक प्रकार की औषधि । विशेष—इस नक्षत्र में पाँच तारे हैं । यह चूहे की जाति का माना जाता है और इसके अधिपति पितृगण कहे गए हैं । जिस समय सूर्य इस नक्षत्र में रहता है, उस समय खूब बर्षा होती है और उस वर्षा का जल बहुत अच्छा माना जाता है ।