मचाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मचाना ^१ क्रि॰ सं॰ [हिं॰ मचना का एक॰] मचना का सकर्मक रूप । कोई ऐसा कार्य आरम करना जिसमें हुल्लड़ हो । जैसे, दिल्लगी मचाना, होली मचाना । उ॰—कबीर घोड़ा प्रेम का (कोइ) चेतन चढ़ि असवार । ज्ञान खङ्ग लै काल सिर, भली मचाई मार —सतवाणी॰, पृ॰ ३८ ।

मचाना † ^२ क्रि॰ स॰ [?] मैला करना । गंदा करना ।