मच्छड़
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मच्छड़ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मशक] एक प्रसिद्ध छोटा पतिंगा । मशक । विशेष—यह वर्षा तथा ग्रीष्म ऋतु में, गरम देशों में और केवल ग्रीष्म ऋतु में कुछ ठंढे देशों में पाया जाता है । इसकी मादा पशुओं और मनुष्यों को काटती और डंक से उनका रक्त चूसती है । इसके काटने से शरीर में खुजली होती है और दाने से पड़ जाते हैं । यह पानी पर अडे देता है; और इसी लिये जलाशयों तथा दलदलों के पास बहुत अधिक संख्या में पाया जाता है । प्रायः उड़ने के समय यह भुन् भुन् शब्द किया करता है । मलेरिया ज्वर इसी के द्वारा फैलता है । मुहा॰—मच्छड़ पर तोप लगाना=क्षुद्र कार्य के लिये महद् प्रयास या प्रयोग ।
मच्छड़ ^२ वि॰ कृपण । कंजूस । (लाक्ष॰) ।