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मजीठ

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मजीठ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मञ्जिष्ठा] एक प्रकार की लता जो लाल रंग बनाने और औषध के काम मैं प्रयुक्त होती है । विशेष—यह समस्त भारत के पहाड़ी प्रदेशों में पाई जाती है । इसकी सूखी जड़ और डंठलों को पानी में उबालकर एक प्रकार का बढ़िया लाल या गुलनार रंग तैयार किया जाता ह ै जो सूती और रेशमी कपड़े रँगने के काम में आता है । पर आज कल बिलायती बुकनी के कारण इसका व्यवहार बहुत कम होता जाता है । वैद्यक में भी अनेक रोगों में इसका व्यवहार होता है । यह मधुर, कषाय, उष्ण, गुरु और ब्रण, प्रमेह, ज्वर, श्लेष्मा तथा विष का प्रभाव दूर करनेवाली मानी जाती है । पर्या॰—विकसा । सभंगा । कालमेपिका । मडूकपर्णी । भंडी । हरिणी । रक्ता । गौरी । योजनवल्लिका । वप्रा । रोहिणी । चित्रा । चित्रलता । जननी । विजया । मंजूषा । रक्तायष्टिका । क्षत्रिणी । छत्रा । अरुणी । नागकुमारिका । वस्त्रभूषणी ।