मजुरी पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मञ्जरी] दे॰ 'मंजरी' । उ॰—भुज चंपे की मजुरी, मिलति एक के रूप । मानहु कंचन खंभ तें द्वादश लता अनूप ।—हिंदी प्रेमगाथा॰, पृ॰ १९१ ।