मढ़ना † ^२ क्रि॰ अ॰ आरंभ होना । मचना । मँड़ना । व्याप्त होना । (क्व॰) । उ॰—मढ़यौ सोर यह घोर परत नहिं और बात सुनि ।—हम्मीर॰, पृ॰ ५८ ।