मणिमय

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मणिमय महल फटिक गोपुर लखि कनक भूमि अपबेख्यो ।—सूर (शब्द॰) । (ख) फिरत प्रभु पूछत बन द्रुम बेली । अहो बंधु काहु अवरेखी एहि मग बधू अकेली । —सूर (शब्द॰) ।

३. अनुमान करना । कल्पना करना । सोचना । उ॰—एकै कहै सुखना लहरैं, मन के चढ़िबे की सिढ़ी एक पेखैं । कान्ह को टोवो कह्यो कछु काम कविश्वर एक यहै अवरेखै ।—केशव (शब्द॰) ।

४. मानना । जनना । उ॰—पियवा आय दुअरवा उठ किन देखु । दुरलभ पाय बिदेसिया मुद अवरेखु ।-रहीम (शब्द॰) ।