मतैक्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मतैक्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] मतों या विचारों की एकता । दो या अनेक व्यक्तियों की एक राय होना ।

मतैक्य । 'भेद' का उलटा ।

८. दो या अधिक व्यंजनों का मेल ।

९. जोड़ । योग । मीजान ।

१०. दो या कई बातों का इकट्ठा होना । इत्तफाक । जैसे—(क) जब जैसा संयोग होता है, तब वैसा होता है । (ख) यह तो एक संयोग की बात है ।

११. न्याय के २४ गुणों में से एक (को॰) ।

१२. संचय । समान या पूरक वस्तुओं का समुदाय (को॰) ।

१३. शिव (को॰) ।

१४. भौतिक संपर्क (को॰) । मुहा॰—संयोग से=बिना पहले से निश्चित हुए । इत्तफाक से । दैववशात् । जैसे,—यदि संयोग से वे आ जाते, तो झगड़ा हो जाता ।