मत्सर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मत्सर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. किसी का सुख या विभव न देख सकना । डाह । हसद । जलन ।
२. क्रोध । गुस्सा ।
३. गर्व । आभीमान (को॰) ।
४. सोम लता (को॰) ।
५. मशक । दंश डाँस (को॰) ।
मत्सर ^२ वि॰
१. जो दूसरे की सुख संपत्ति देखकर जलता हो । डाह करनेवाला ।
२. कृष्ण । कंजूस ।
३. जो सबको अपनी निंदा करते देखकर अपने आपको धिक्कारता हो ।