मथानी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मथानी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मथना] काठ का बना हूआ एक प्रकार का दंड जिससे दही से मथकर मक्खन निकाला जाता है । रई । बिलोनी । महनी । खैलर । उ॰—को अस साज देह मोहिं आनी । बासुकिं दाम सुमेरु मथानी ।—जायसी (शब्द॰) । विशेष—इसके दो भाग होते है—एक खोरिया या सिरा और दूसरा डंडी । खोरिया प्रायः गोल, चिपटी और एक और सम तथा दूसरी ओर उन्नतोदर होती है । इसके किनारे पर कटाव होता है और जिस ओर समतल रहता है, उधर बीच में डेढ़ दो हाथ लंबी डंडो जडी रहती है । मथते समय खुरिया दही के भीतर डालकर डंडी को खंभे की चूल में लपेटकर रस्सी से या केवल हाथों से बठ बटकर घुमाते हैं जिससे दही क्षुव्ध हो जाता है और थोड़ा सा पानी डालने पर और मथने से नैनू वा मक्खन मट्टे के ऊपर उतरा आता है, जिसे मथानी से समेटकर अलग इकट्टा करते हैं । पर्या॰—मंथान । मंथ । वैशाख । मथा । मंथन । चक्राढ़ । भक्राढ । मुहा॰—मथानी पड़ना या बहना = खलबली मचना । उ॰— गढ़ ग्वालियर महँ बही मथानी । और कँधार मथा भै पानी ।— जायसी (शब्द॰) ।