मथुरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मथुरा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मधुपुर (= मथुरा)] पुराणानुसार सात पुरियों में से एक पुरी का नाम । यह ब्रज में यमुना के किनारे पर है । विशेष—रामायण (उत्तरकांड) के अनुसार इसे मधु नामक दैत्य ने बसाया था जिसके पुत्र बाणासुर को पराजित कर शत्रुघ्न ने इसको विजय किया था । पाली भाषा के ग्रंथों में इसे मथुरा लिखा है । महाभारत काल में यहाँ शूरसेन- वंशियों का राज्य था और इसी वंश की एक शाखा में भगवान् श्रीकृष्णचंद्र का यहाँ जन्म हुआ था । शूरसेन- वंशियों के राज्य के अनंतर अशोक के समय में उनके अचार्य उपगुप्त ने इसे बौद्ध धर्म का केंद्र बनाया था । यह जैनों का भी तीर्थस्थान है । उनके उन्नीसवें तीर्थकर मल्लिनाथ का यह जन्मस्थान है । मौर्य साम्राज्य के अनंतर यह स्थान अनेक यूनानी, पारसी और शक क्षत्रपों के अधिकार में रहा । महमूद गजनवी ने सन् १०१७ में आक्रमण कर इस नगर को न्यस्त व्यस्त कर डाला था । अन्य मुसलमान बादशाहों ने भी इसपर समय समय पर आक्रमण कर इसे तहस नहस किया था । यहाँ हिंदुओं के अनेक मंदिर हैं और अनेक कृष्णोपासक वैष्णव सप्रदाय के आचार्यों का यह केंद्र है । पुराणानुसार यह मोक्षदायिनी पुरी है ।