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मद

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मद ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. हर्ष । आनंद ।

२. वह गंधयुक्त द्राव जो मतवाले हाथियों की कनपटियों से बहता है । दान ।

३. वीर्य ।

४. कस्तूरी ।

५. मद्य ।

६. चित्त का वहु उद्वेग वा उमंग जो मादक पदार्थ के सेवन से होती है । मतवालापन । नशा ।

७. उन्मत्तता । पागलपन । विक्षिप्तता । उ॰— सत्यवती मछोदरी नारी । गंगातट ठाढ़ी सुकुमारी । पारा- शर ऋषि तहँ चलि आए विवश होइ तिनके मद धाए ।—सूर (शब्द॰) ।

८. गर्व । अहंकार । घमंड ।

९. अज्ञान । मतिविभ्रम । प्रमाद ।

१०. एक रोग वा नाम । उन्माद नामक रोग ।

११. एक दानव का नाम ।

१२. कामदेव । मदन । मुहा॰—मद पर आना = (१) उमंग पर आना । (२) कामोन्मत्त होना । गरमाना । (३) युवा होना ।

मद वि॰ मत्त । उ॰—मद गजराज द्वारा पर ठाढ़ो हरि ( ? )नेक वचाय । उन नहिं मान्यो संमुख आयो पकरेउ पूँछ फिराय । सूर (शब्द॰) ।

मद ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]

१. लंबी लकीर जिसके नीचे लेखा लिखा जाता है । खाता ।

२. कार्य या कार्यालय का विभाग । सीगा । सरिश्ता ।

३. खाता । जैसे,—इस मद में सौ रुपए खर्च हुए है ।

४. शीर्षक । अधिकार ।

५. ऊँची लहर । ज्वार ।