मद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मद ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. हर्ष । आनंद ।
२. वह गंधयुक्त द्राव जो मतवाले हाथियों की कनपटियों से बहता है । दान ।
३. वीर्य ।
४. कस्तूरी ।
५. मद्य ।
६. चित्त का वहु उद्वेग वा उमंग जो मादक पदार्थ के सेवन से होती है । मतवालापन । नशा ।
७. उन्मत्तता । पागलपन । विक्षिप्तता । उ॰— सत्यवती मछोदरी नारी । गंगातट ठाढ़ी सुकुमारी । पारा- शर ऋषि तहँ चलि आए विवश होइ तिनके मद धाए ।—सूर (शब्द॰) ।
८. गर्व । अहंकार । घमंड ।
९. अज्ञान । मतिविभ्रम । प्रमाद ।
१०. एक रोग वा नाम । उन्माद नामक रोग ।
११. एक दानव का नाम ।
१२. कामदेव । मदन । मुहा॰—मद पर आना = (१) उमंग पर आना । (२) कामोन्मत्त होना । गरमाना । (३) युवा होना ।
मद वि॰ मत्त । उ॰—मद गजराज द्वारा पर ठाढ़ो हरि ( ? )नेक वचाय । उन नहिं मान्यो संमुख आयो पकरेउ पूँछ फिराय । सूर (शब्द॰) ।
मद ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]
१. लंबी लकीर जिसके नीचे लेखा लिखा जाता है । खाता ।
२. कार्य या कार्यालय का विभाग । सीगा । सरिश्ता ।
३. खाता । जैसे,—इस मद में सौ रुपए खर्च हुए है ।
४. शीर्षक । अधिकार ।
५. ऊँची लहर । ज्वार ।