मध्यस्थ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मध्यस्थ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. /????/ बीच में पड़कर विवाद की गिटानेवाला ।
२. जो दोनों पक्षों मे से किसी पक्ष में न ही । उदासीन । तटस्थ । उ॰— शत्रु मित्र मध्यस्थ तीन ये वीन्हें /?/ ।— तुलसी (शब्द॰) ।
३. वह जो अपनी हानि न् करता हुआ दुसरों का उपकार करता हो ।
४. शिव का एक नाम (को॰) ।