मन्थरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मंथरा संज्ञा स्त्री॰ [स॰ मन्थरा]

१. रामायण के अनुसार कैकेयी की एक दासी । उ॰—नाम मंथरा मंदमति चेरि कैकयी केरि ।—मानस । विशेष—यह दासी कैकेयी के साथ उसके मायके से आई थी । इसी के बहकाने पर कैकेयी ने रामचंद्र को बनवास और भरत को राज्य देने के लिये महाराज दशरथ से अनुरोध किया था ।

२. युक्तिकल्पतरु के अनुसार १२० हाथ लंबी, ६० हाथ चौड़ी और ३० हाथ ऊँची नाव ।