मरम संज्ञा पुं॰ [सं॰ मर्म] दे॰ 'मर्म' । उ॰—जिय को मरम तुम साफ कहत किन काहि फिरत मँड़राए हो ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ५४५ ।