मरमा पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ मर्म] दे॰ 'मर्म' । उ॰— घायल भए नाद के लागे मरना है सबद कटारी हो ।—पल्टू॰, भा॰ ३, पृ॰ ८४ ।