मरहला
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मरहला संज्ञा पुं॰ [अ॰ मरहलह्]
१. वह स्थान जहाँ यात्री रात के समय ठहर जाते है । टिकान । मंजिल । पड़ाव ।
२. दिन भर की या १२ मील की यात्रा । लंबी यात्रा ।
३. किले के चारों और के गुंबद या ऊँचा स्थान जहाँ से निगरानी और संघर्ष किया जाया (को॰) ।
४. झमेला । कठिन या मुश्किल काम ।
५. झोपड़ी ।
६. दर्जा । मरातिब । मुहा॰—मरहला तय करना=झमेला निबटाना । कठिन काम पूरा करना । मरहला पड़ना या मचना=झमेला पड़ना । कठिनता । उपस्थित होना । मरहला ड़ालना=झगड़ा खड़ा करना । यौ॰—मरहलेदार=यात्रामार्ग की देखरेख करनेवाला ।