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मर्दुमशुमारी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मर्दुमशुमारी संज्ञा स्त्री॰ [फा॰]

१. किसी देश में रहनेवाले मनुष्यों की गणना । मनुष्यगणना । जनगणना । विशेष— यद्यापि भारतवर्ष के मदरास और पंजाब प्रांतों में समय समय पर वहाँ के रहनेवालों की गिननी करने की प्रथा बहुत पूर्व से चली आती थी, पर पाश्चात्य देशों में नवीन प्रणाली की मनुष्यणाना की प्रथा रोम से आरंभ हुई है, जहाँ स्वतंत्र मनुष्यों के कुटुंब, संपत्ति दास और मुखिया की परिस्थिति आदि का विवरण यथासमय लिखकर मनुष्यों की गणना की जाती थी । इंगलैंड़ में सबसे पहले मनुष्यगणना सन् १८०१ में प्रारंभ हुई और १८११ में आयरलैंड में गणाना की चेष्टा हुई पर सन १८५१ तक की मनुष्यगणना परिपूर्ण नहीँ कही जा सकती । सन् १८६१ में नियमित रूप मे इंगलैंड़, स्काटलैंड़ और आयरलैंड़ में मनुष्यगणना प्रारंभ हुई, जिसमें प्रत्येक गाँव और नगर के मनुष्यों की आयु, वैवाहिक संबंध, पेशे, जन्मस्थान आदि का सविस्तार विवरण लिखा गया; और सन १८७१ में व्यवस्थित रूप से राजकीय या इंपीरियल मनुष्यगणना हुई । ठीक इसी समय अर्थात् सन् १८६७ और १८७२ में भारतवर्ष में भी मनुष्यगणना प्रारंभ हुई । पर उस समय काश्मीर, हैदराबाद, राजपूताने और मध्यभारत के देशी राज्यों में मनुष्यगणना नहीं हुई और गणना का प्रबंध भी समुचित नहीं था । भारतवर्ष की ठीक ठीक मनुष्यगणाना का आरंभ १८८१ से माना जा सकता है । यह मनुष्यगणना १७ फरवरी की हुई थी । तबसे प्रति दसवें बर्ष प्रत्येक गाँव और नगर में रहनेवालो ं का नाम, आयु वर्म, जाति शिक्षा, भाषा, व्यापार आदि के विवरण लिखा जाता है ।

२. किसी स्थान में रहनेवाले मनुष्यों की संख्या । जनसंख्या । आबादी ।