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मलाई

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मलाई ^१ संज्ञा स्त्री॰ [देश॰ या अ॰ माल (=सार तत्व)] दुध की साढ़ी । उ॰— छाछ को ललात जैसे राम नाम के प्रसाद खात खुन सात सौधे दुध की मलाई है ।—तुलसी (शब्द॰) । विशेष—जब दुध हलकी आँच पर गरम किया जाता है, तब वह गाढ़ा होता जाता है और उसके ऊपर सार भाग की एक हलकी तह जमती है । यही तह बार बार जमने से मोटी हो जाती है । इसी को मलाई रहते हैं । यह मुलायम और चिकनाई से भरी होती है । जनाए जाने पर इसी मलाई को मथकर मसका निकाला जाता है । क्रि॰ प्र॰—आना ।—जमना ।—पड़ना ।

२. सारतत्व । रस । उ॰—भुरि दई विष भुरि भई प्रहलाद सुधाई सुधा की मलाई ।—(शब्द॰) ।

३. एक रंग का नाम जो बहुत हलका बादामी होता है ।

मलाई ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मलना]

१. मलने की क्रिया या भाव

२. मलने की मजदुरी ।