मलिन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मलिन ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ मलिना, मलिनी]

१. मलयुक्त । मैला । गँदला । स्वच्छ का उलटा । उ॰—चाहे न चंपकली की थली मलिनी नलिनी कि दिशान सिधावै ।—केशव (शब्द॰) ।

२. दुषित । खराब ।

३. जिसका रंग खराब हो । मटमैला । धुमिल । वदरंग । उ॰—मलिन भए रस माल सरोवर मुनिजन मानस हंस ।—सुर (शब्द॰) ।

४. पापात्मा । पापी ।

५. धींमा । फीका । जैसे, ज्योति मलिन होना ।

६. म्लान । विषणण । उदासीन । जैसे, मलिन- मन, मलिनसुख । यौ॰—मलिनप्रभ । मलिनमुख । मलिनकाश=धुमिल आकाश । उ॰—धुलि धुम अरु मेघ करि दीसै मलिनाकाश ।—सुंदर॰ ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ७७८ ।

मलिन ^२ संज्ञा पुं॰

१. एक प्रकार के साधु जो मैला कुचैला कपड़ा पहनते हैं । पाशुपत ।

२. मट्ठा ।

३. सोहागा ।

४. काला अगर या अगर चंदन ।

५. गौ का ताजा दुध ।

६. हंस ।

७. दस्ता । मुठ ।

८. दोष ।

९. रत्नों की चमक और रंग का फीका और धुँधला होना । रत्नों के लिये यह एक दोष समझा जाता है ।