मलीन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मलीन ^१ वि॰ [सं॰ मलिन]
१. मैला । अस्वच्छ । उ॰—(क) जिनके जस प्रताप के आगे । ससि मलीन राब सीतल लागं ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) मन मलीन मुख सुंदर कैसे । विष रस भरा कनक घट जैसे ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. उदास । उ॰—अति मलीन वृषभानु कुमारी । हरिश्रम जल अंतर तनु भीजे ता लालच न धुवावात सारी ।—सुर (शब्द॰) ।
मलीन पु ^२ संज्ञा पुं॰ पाप । उ॰—अनै बृजिन टुकृत दुरित अघ मलीन मसि पंक ।—अनेकार्थ॰, पृ॰ ५५ ।