मशाल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

मशाल संज्ञा पुं॰ [अ॰ मशअल, मिशाअल] एक प्रकार की मौटी बती जिसके नीचे पकड़ने के लिये काठ का एक दस्ता लगा रहता है और जो हाथ में लेकर प्रकाश के लिये जलाई जाती है । विशेष—यह कपडे की बनाई जाती है और चार पाँच अंगुल के व्यास की तथा दो ढाई हाथ लंबी होती है । जलते रहने के लिये इसके मुँह पर बार बार तेल की धारा डाली जाती है । मुहा॰—मशाल लेकर या जलाकर ढूँढना= अच्छी तरह ढूँढना बहुत ढँढ़ना । उ॰—अगर मशाल लेकर भी ढूँढोगी तो इतना बडा दुश्मन न मिलेगा । —फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ६१३ ।