मसलना क्रि॰ स॰ [हिं॰ मलना] १. हाथ से दबाते हुए रगड़ना । मलना । २. जोर से दबाना । उ॰—आज किसी के मसले तारों को वह दूरागत झंकार । मुझे बुलाती है सहमी सी झंझा के परदों के पार । —यामा, पृ॰ १४ । संयों॰ क्रि॰— ड़ालना । देना । ३. आटा गूँधना ।