कुमाऊँनी तथा गढ़वाळि भाषा में भूत को मसाण कहते हैं।
मसाण पु संज्ञा पुं॰ [राज॰] दे॰ 'मसान' । उ॰—काहे रे नर करहु डफाण । अंतिकालि घर गोर मसाण ।—दादू॰, पृ॰ ४८४ ।