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मसि

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मसि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. लिखने की स्याही । रोशनाई । उ॰— तुम्हरे देश कागद मसि खूटो—सूर (शब्द॰) । (ख) परम प्रेममय मृत्यु मसि कीन्ही । चारु चित्त भीत्ती लिखि लीन्ही ।— तुलसी (शब्द॰) ।

२. निर्गुडी का फल ।

३. काजल ।

४. कालिख । उ॰—बनु मुँह लाई गेरु मसि भए खरनि असवार ।—तुलसी (शब्द॰) ।

५. पाप । उ॰—औन वृजिन् दुकृत दुरित अब मलीन मसि पंक ।—अनेकार्थ॰, पृ॰ ५५ ।

६. नई उगती मूछों की रेख । मूँछ । उ॰—उन्नत नासा अधर बिंब सुक की छबि छीनी । तिन बिच अद्भूत भाँति लसति कछुइक मसि भीनी ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३ ।