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मस्त

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मस्त ^१ वि॰ [फ़ा॰ मि॰ सं॰ मत्त]

१. जो नशे आदि के कारण मत्त हो । मतवाला । मदोन्मत्त । जैसे,—वह दिन रात शराब मे मस्त रहता है ।

२. जिसे किसी बात का पता न लगता हो । जिसे किसी कि चिंता या परवाह न होती हो । सदा प्रसन्न और निश्चिंत रहनेवाला ।

३. जो अपनी पूरी जवानी पर आने के कारण आप से बाहर हो रहा हो । यौवनमद से भरा हुआ । जैसे, मस्त हाथी, मस्त औरत ।

४. जिसमें मद हो । मदपूर्ण । जैसे, मस्त आँखें ।

५. परम प्रसन्न । मग्न । आनंदित । जैसे,—वह अपने बालबच्चों में ही मस्त रहता है ।

६. अभिमानी । घमंडी । जैसे,—आजकल के मजदूर मस्त हो रहे है । इनसे काम लेना कुछ सहज नहीं है ।

मस्त ^२ वि॰ [सं॰] उच्च । ऊँचा [को॰] ।

मस्त ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰] उत्तमांग । मस्तक । सिर [को॰] । यौ॰—मस्तदारु । मस्तमूलक ।