महर्षि
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]महर्षि संज्ञा पुं॰ [सं॰ महा + ऋषि]
१. बहुत बड़ा और श्रेष्ठ ऋषि । ऋषीश्वर । जैसे, वेदव्यास, नारद, अंगिरा इत्यादि ।
२. एक राग जो भेरवराग के आठ पुत्रों में से एक माना जाता है । उ॰—पंचम ललित महर्षि बिलावल अरु वैशाख सुमाधव पिंगल । सहित समृद्धि आठ संताना । भैरव के जानहु नर त्राना ।—गोपाल (शब्द॰) ।